चंडीगढ़ पुलिस ने राजभवन घेराव की कोशिश को किया विफल! सैकड़ों अध्यापकों ने प्रशासन ने दिखाई अपनी ताकत

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नई डेपुटेशन पॉलिसी का विरोध, नए शिक्षकों को सातवां पे कमिशन,एक वर्ष से लंबित एरियर व सी लीव में बढ़ोतरी की कर रहे हैं मांग
Raj Singh
चंडीगढ़। यूटी चंडीगढ में कार्यरत अध्यापकों ने जॉइंट टीचर्स एसोसिएशन के बैनर तले एकजुटता व अध्यापक वर्ग की ताकत को दर्शाते हुए सैंकडों अध्यापकों ने गवर्नर हाउस की तरफ पैदल मार्च किया हालांकि पुलिस प्रशासन ने उनको रास्ते में रोका लेकिन अध्यापकों का जोश और गुस्सा चरम पर था l अध्यापक वहां से नहीं हटे और सड़क पर ही धरना लगा दिया। धरने को संबोधित करते हुए संयोजक डॉक्टर रमेश चंद शर्मा, चेयरमैन रणवीर जोरार ,कानूनी सलाहकार अरविंद राणा व महासचिव अजय शर्मा ने बताया कि नई डेपुटेशन नीति का अधार असंवैधानिक है। इसको बिना विचार और बिना पेरेंट्स स्टेट के मशवरे से बनाया गया है जिसका हम विरोध करते हैं। उन्होंने कहा आज हम यहां पर इसलिए एकत्रित हैं कि इस डेपुटेशन पॉलिसी को रद्द किया जाए। किसी भी अध्यापक का जो कि पंजाब हरियाणा से डेपुटेशन पर ट्रांसफर है उसकी समय सीमा तय करना एक कानूनी तौर पर गलत प्रक्रिया है चंडीगढ़ प्रशासन को ऐसा नहीं करना चाहिए और न ही वह ऐसा कर सकता है ।

उन्होंने कहा सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस बात का जिक्र किया है कि पंजाब हरियाणा से आने वाले कर्मचारियों की डेपुटेशन एक विशेष तरह की है क्योंकि इनको डेपुटेशन एलाउंस नहीं मिलता l इनको साधारण डेपुटेशन से मिलाकर इनके ऊपर कोई भी नीति बनाना चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में नहीं है इस तरह का हड़बड़ाहट में लिया हुआ फैसला कई तरह के तनाव पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा चंडीगढ़ को लेकर पहले ही पंजाब का रवैया जग जाहिर है ऊपर से ऐसे कदमों से इस मुद्दे को और भी हवा मिल सकती है। उन्होंने कहा प्रशासन को तुरंत प्रभाव से पॉलिसी को रद्द करना चाहिए और पंजाब हरियाणा से आए कर्मचारियों के ऊपर समय सीमा तय नहीं करना चाहिए।

इसके साथ-साथ अध्यापकों ने मिलकर सातवें में पे कमीशन को समग्र शिक्षा के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों पर लागू करने के लिए भी जोरदार मांग उठाई । उन्होंने कहा पर्सोनल डिपार्टमेंट इस बात स्पष्ट कर चुका है कि जैसे सातवें पे कमीशन को नियमित कर्मचारियों पर लागू किया गया है इस तरह से ठेके पर लगे कर्मचारियों पर भी लागू करना चाहिए लेकिन इस बात को प्रशासन मानने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा यह सरासर गलत है इसको तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए और खास तौर पर समग्र शिक्षा में कार्यरत लगभग 300 अध्यापकों जिनका वेतन दो-तीन साल से नहीं बड़ा है इसका लाभ मिले। प्रतिनिधियों ने कहा जॉइंट टीचर एसोसिएशन कई बार सी लीव को बढ़ाने की मांग कर चुकी है और सैंट्रल सर्विस रूल्स लगने से सी लीव में भारी कटौती हुई है। एसोसिएशन का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 309 के तहत एडमिनिस्ट्रेटर के पास अधिकार है इस नियम में बदलाव करने की। इसलिए हम मांग करते हैं कि प्रशासक अपने इस अधिकार को उपयोग करें और कर्मचारियों को खास तौर पर महिला कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सके।

एसोसिएशन के कानूनी सलाहकार अरविंद राणा ने कहा पिछले लंबे समय से हम लोग समग्र शिक्षा अध्यापकों को जुलाई 2021 से मार्च 2023 से मिलने वाले एरियर को लेकर मांग उठा रहे हैं लेकिन आज तक उसके ऊपर उचित कदम नहीं उठाए गए हैं उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ प्रशासन को यह इजाजत दे दी है कि वह अपने स्टेट बजट से एरियर दे दें ।उन्होंने अपील की है कि इस पत्र को लागू करते हुए चंडीगढ़ प्रशासन इस पर जल्दी फैसला ले। ड्यूटी मजिस्ट्रेट दिनेश टंडन ने वहां आकर जे टी ए के मेंबर्स से तीन बिंदु मांग पत्र लिया और वादा किया कि वे शिक्षकों की मांगों को प्रशासन के उच्च अधिकारियों के पास लेकर जाएंगे और मांगों को हल करवाएंगे।

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