केंद्रीय नेतृत्व का दो दिनों तक चला मंथन, कौन बनेगा चंडीगढ़ भाजपा का अगला प्रधान! टंडन, सूद, सरां या कोई नया चेहरा

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कुमार मधुकर 9041098248

चंडीगढ़। भाजपा में फिलहाल मेयर चुनाव पर कम और पार्टी प्रधान के चयन पर अधिक फोकस किया गया है। इसी को मद्देनजर रखते हुए जिला, मंडल और बूथ स्तर पर प्रधानों का चुनाव हो चुका है। माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व की ओर से 12 से 15 जनवरी तक पार्टी के नए प्रधान को चुन लिया जाएगा। पार्टी का अगला प्रधान कौन होगा, इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व की ओर से लगातार दो मीटिंग हो चुकी हैं। प्रधानी चुनाव की गंभीरता का अंदाजा इससे  लगा सकते हैं कि राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष, राष्ट्रीय चुनाव प्रभारी रेखा वर्मा और चंडीगढ़ प्रभारी अतुल गर्ग के अलावा अन्य पदाधिकारी इन बैठकों में शामिल रहे थे। यहां यह भी बता दें कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से प्रधान चुनाव के लिए बकायदा नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जिम्मेदारी राष्ट्रीय मंत्री एवं विधायक नरेंद्र रैना को सौंप दी गई है। प्रधानी चुनाव की गंभीरता का अंदाजा इससे भी लगा सकते हैं कि राष्ट्रीय संगठन मंत्री खुद चंडीगढ़ में मीटिंग कर सभी तरह का जायजा ले चुके हैं।

चंडीगढ़ शहर के राजनीतिक गलियारों में जिस प्रकार से बिजली की तरह चर्चा चल रही है। इससे साफ हो गया कि 15 जनवरी से पहले ही वर्तमान पार्टी प्रधान जतिंदर मल्होत्रा को बदल कर नए प्रधान को कुर्सी पर बैठाया जा सकता है। पिछले दिनों भाजपा के उक्त बड़े नेताओं की हुई बैठक के बाद कुछ धड़ों  से प्रधान पद के लिए उपयुक्त नाम मांगे गए थे। इसमें अरुण सूद ने अपने नाम के अलावा तजिंदर सिंह सरां का भी नाम सुझाया है। चर्चा में यहां तक बताया जा रहा है कि सरां चंडीगढ़ के स्थायी निवासी नहीं हैं, लेकिन राज्य सभा सदस्य सतनाम सिंह संधू के काफी नजदीकी हैं, ऐसा कहा जा रहा है। इस बात की भी बेहद चर्चा है कि तजिंदर सरां ने तीन जनवरी को एक पांच सितारा होटल में लोहड़ी कार्यक्रम रखा था। इस कार्यक्रम को राजनीतिक तौर पर सफल बनाने के लिए अरूण सूद ने बड़ी भूमिकाएं निभाई थी। इसी कारण से इस कार्यक्रम में शहर के आला अधिकारियों के अलावा राजनेता पहुंचे थे।

वहीं दूसरी ओर यह भी चर्चा है कि संजय टंडन ने भी प्रधान पद के लिए कुछ नाम गिनाए हैं, जिनमें शक्ति देवशाली और रवि शर्मा का नाम शामिल है। इन दोनों के नामों पर विचार नहीं किए जाने की स्थिति में संजय टंडन ने प्रधानी के लिए खुद का नाम भी सुझा दिया है। हालांकि यह देखने वाली बात होगी संजय टंडन काफी सालों तक पार्टी प्रधान रहे हैं। ऐसे में उनके नामों को लेकर भाजपा केंद्रीय नेतृत्व क्या निर्णय लेता है। यह भविष्य के गर्भ में है।

पिछले दिनों भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से बुलाई गई बैठक में भाजपा उपाध्यक्ष रामवीर भट्टी, पूर्व मेयर और वर्तमान पार्षद अनूप गुप्ता, प्रवक्ता धीरेंद्र तायल, पूर्व महामंत्री चंद्रशेखर और अवि भसीन ने किसी और का नहीं बल्कि अपने अपने नामों की पैरवी प्रधानी उम्मीदवारी को लेकर की है। अब यह देखने वाली बात है कि प्रधानी की उम्मीदवारी को लेकर किस नेता के नाम पर पार्टी मुहर लगाती है और कौन सा धड़ा मजबूती दिखाने में सफल होगा।

इस प्रकार से भाजपा मेयर चुनाव पर कम और पार्टी प्रधानी उम्मीदवार को लेकर ज्यादा गंभीर है। वहीं सूत्रों की मानें तो केंद्रीय भाजपा ऐसे नेता को प्रधान बनाना चाहती है, जो एकदम न्यूट्रल हो या फिर किसी एक गुट का न हो। क्योंकि जतिंदर मल्होत्रा को लेकर कहा गया था कि वो किसी एक गुट से न होकर नया चेहरा साबित होगा। पर मल्होत्रा पर संजय टंडन का ठप्पा लग चुका है। चर्चा में इस बात को लेकर भी जोर है कि यदि मल्होत्रा को फिर से प्रधान बनाया गया तो संजय टंडन गुट को आने वाले वर्ष 2026 नगर निगम चुनाव में फायदा मिलेगा। क्योंकि एमसी चुनाव में टंडन अपने मन के हिसाब से अपने चहेतों टिकट दिला सकेंगे।

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