चंडीगढ 06 नवंबर 2020 । कांग्रेस पार्टी में एक बार फिर से घमासान चरम पर पहुंच चुका है। घमासान का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि केंद्रीय कार्यालय की ओर से जारी आज के कार्यक्रम में कांग्रेस के कई बड़े नेता व पदाधिकारी नहीं पहुंचे, जबकि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने कार्यकर्ताओं को भेजे गए अपने संदेश में स्पष्ट लिखा था कि पवन बंसल भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम में कई वरिष्ठ नेताओं व पदाधिकारियों के नहीं आने से कार्यकर्ताओं में चर्चा रही कि क्या नहीं आने वाले नेताओं को सोनिया गांधी से कोई दिक्कत है। हालांकि बताया जा रहा है कि पवन बंसल आज जरूरी कामों से दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे।
दलित उत्पीड़न विरोधी दिवस
बताना जरूरी है कि प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने सभी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को पहले ही मैसेज भेजकर जानकारी दी थी कि शुक्रवार को महिला एवं दलित उत्पीड़न विरोधी दिवस के रूप में मनाने जा रही है। इस अवसर पर प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक कांग्रेस भवन सैक्टर 35 में एक राज्य स्तरीय धरने का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री पवन बंसल भी उपस्थित रहेंगें। इस अवसर पर आप ज्यादा से ज्यादा साथियों सहित पहुंचें। इसके बाद भी कई वरिष्ठ कांग्रेसी अपने ही कार्यक्रम में नहीं आए। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में इस बात की जबर्दस्त चर्चा है कि जब सानिया गांधी की ओर से जारी कार्यक्रमों में जब बडे नेता नहीं आ रहे हैं तो लोकल मुद्दों पर किए जा रहे कार्यक्रमों ये क्या आएंगे। इससे भी बडी हैरानी की बात है कि प्रधानी के कई दावेदार भी इस कार्यक्रम में शिरकत करने नहीं पहुंचे।
नहीं पहुंचने वालों में
नहीं पहुंचने वालों में कांग्रेस के कई उप प्रधानों, महासचिवों, एआईसीसी सदस्यों, दो जिला प्रधानों इस कार्यक्रम में पहुंचने की जहमत नहीं दिखाई। आज के कार्यक्रम में न पहुंचने वालों में मुख्य रूप से उप प्रधानों में भूपेंद्र बढहेडी, कमलेश, जितेंद्र भाटिया, सुरेंद्र सिंह। महासचिवों में देवेंद्रर सिंह बबला, एचएस लकी, विनोद शर्मा। एआइईसीसी सदस्यों में सुभाष चावला, पवन शर्मा। जिला प्रधानों में अजय जोशी, गुरप्रीत गाबी भी नहीं पहुंचे।
कार्यक्रम से दूरी बनकर रखी
इसके अलावा कई और भी पदाधिकारियों ने भी आज के कार्यक्रम से दूरी बनकर रखी। कार्यक्रम में आने वाले कार्यकर्ताओं ने नहीं आने वाले नेताओं से पूछा कि क्या ये सिर्फ टिकट मिलने के समय पर आएंगे या पहले से अपनी टिकट पक्की मानकर चल रहे हैं। कुछ कार्यकर्ताओं का तो यहां तक कहना था कि नहीं आने वाले नेताओं को राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से कोई दिक्कत है, क्योंकि आज का कार्यक्रम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तय किया था।