






चंडीगढ 14 अगस्त 2022। शहर ही नहीं देश की राजनीति के लिए बेहद ही सनसनी फैला देने वाली चर्चा चंडीगढ़ भाजपा के अंदर से लेकर, बाहर तक चल रही है। यदि यह चर्चा सही साबित हुई तो शहर के लिए यह वरदान हो सकता है, जबकि सांसद किरण खेर के लिए मायूस कर देने वाली चर्चा की है। लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा, जिस भाजपा नेता की चल रही है। यदि वह नेता इस शहर से चुनाव जीतता है, तो निश्चय ही चंडीगढ़ का कायाकल्प हो जाएगा। उनके सांसद बनते ही शहर से निकम्मों और निट्ठलों की फौज का पूरी तरह से सफाया हो जाएगा। शहर की जनता भी चाहती है कि शहर को एक ताकतवर और ऊर्जावान नेता मिले, क्योंकि चंडीगढ़ शहर को अक्षम नेतृत्व ने बेड़ा गर्क कर दिया है। चर्चा की मानें तो भाजपा ने मन बना लिया है कि ताकतवर और उर्जावान नेता को ही वर्ष-2024 लोकसभा चुनाव में चंडीगढ लोकसभा चुनाव में उतारा जाए।
अब जानते हैं कि ताकतवर नेता कौन हैं!
चंडीगढ़ शहर में भाजपा सहित अन्य राजनीतिक पार्टियों के अलावा आम लोगों में भी इस बात की जबरदस्त चर्चा है कि वर्ष-2024 के लोकसभा चुनाव में वर्तमान सांसद किरण खेर नहीं, बल्कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह यहां चुनाव से लड़ सकते हैं। इस चर्चे की शुरुआत उसी दिन से हो गई थी, जब 30 जुलाई को अमित शाह कई प्रोजेक्टों का उद्घाटन और शिलान्यास करने के लिए चंडीगढ़ शहर आए थे। इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इसी साल मार्च माह में भी प्रोजेक्ट का उद्घाटन करने के लिए चंडीगढ़ शहर पहुंचे थे। बता दें कि अमित शाह का चंडीगढ से चुनाव लड़ने की चर्चा जब मार्च में आए थे, तब ऐसी चर्चा यहाँ नहीं थी, लेकिन गत माह जुलाई को अमित शाह चंडीगढ़ आए तो चर्चाये जोरों से चल पडी। यदि ऐसी चर्चा को सही मान लिया जाए तो सांसद किरण खेर का चंडीगढ से पत्ता पूरी तरह से साफ हो जाएगा। फिलहाल उक्त चर्चा काफी जोरों पर है।
चर्चा में यह भी तर्क वितर्क
शहर से लोकसभा चुनाव-2024 में अमित शाह के चुनाव लडने के चर्चा में कहा जा रहा है कि सांसद के रूप में किरण खेर शहर में बुरी तरह से विफल हो चुकी है। शहर के लोगों के साथ किरण खेर जुड़ाव नहीं के बराबर है। कोरोना काल के शुरूआती दौर से लेकर अब से कुछ समय पहले तक सांसद किरण खेर पूरी तरह चंडीगढ़ से अदृश्य रहीं हैं। कोरोनाकाल में बेहद जरूरतमंद लोगों के कोई काम किरण खेर नहीं आई। इससे शहर के लोगों में किरण खेर की कार्यशैली को लेकर जनता में बेहद गुस्सा है। यहां तक कि भाजपा के कार्यकर्ता और नेता भी अपनी सांसद किरण खेर से संतुष्ट नहीं हैं। फिलहाल इस चर्चा को लगातार हवा मिल रही है। ध्यान रहे कि लोकसभा-2019 से पहले भी अमित शाह चंडीगढ़ आए थे, साथ ही कई नामी और प्रभावशाली लोगों से मिल कर गए थे।
शहर में जोर पकड़ रही चर्चा के अनुसार यदि अमित शाह चंडीगढ़ सांसद होते हैं तो शहर को इसका बड़ा लाभ मिलेगा, क्योंकि अमित शाह देश भर के भरोसेमंद नेता हैं। पिछले माह जब शाह चंडीगढ़ आए थे, तब उन्होंने कहा था कि चंडीगढ विश्व के मानचित्र पर और भी चमकेगा। इस प्रकार से अमित शाह यहां से चुनाव जीतते हैं तो शहर का ज्यादा से ज्यादा विकास होगा। शहर का कायाकल्प हो जाएगा। फ़िलहाल शहर की हालत किसी से छिपी नहीं है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लेकर हो रही चर्चा में कहा जा रहा है कि भाजपा में अमित शाह बेहद मजबूत हैं। उनकी कथनी और करनी दोनों में कोई फर्क नहीं है। इसलिए अमित शाह का चंडीगढ से सांसद होने पर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू एंड कश्मीर के अलावा अन्य राज्यों में भाजपा की पकड़ और भी मजबूत हो जाएगी। चर्चा में यह भी कहा जा रहा है कि सांसद होते हुए किरण खेर सुंदर शहर चंडीगढ़ को राजनीतिक तौर पर नहीं संभाल पाई हैं। खेर के कारण ही भाजपा का शहर में पहले जैसी पैठ अब नहीं रही। ऐसे में चंडीगढ़ को उर्जावान और प्रभावी राजनेता की जरूरत है ताकि भाजपा की स्थिति शहर में ज्यादा से ज्यादा मजबूत हो सके।
अमित शाह इससे पहले मार्च में आए थे
जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चंडीगढ़ आए थे, तब अत्याधुनिक एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र समेत कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। शाह ने वाणिज्य महाविद्यालय के छात्रावास प्रखंड, पुलिस कर्मियों के लिए 240 आवास निर्माण परियोजना और एक बस डिपो-सह-कार्यशाला की भी आधारशिला रखी थी। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री के साथ पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित भी मौजूद थे। उनके आने के बाद जिन परियोजनाओं की शुरुआत हुई है। इसके तहत आईसीसीसी परियोजना में यातायात उल्लंघन पर नजर रखने के लिए चंडीगढ़ में 2,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। आईसीसीसी केंद्र को सेवाओं और डेटा विश्लेषण की प्रभावी निगरानी के लिए पानी, बिजली, सीवेज, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, परिवहन, ई-गवर्नेंस, पार्किंग और सार्वजनिक-बाइक साझाकरण सहित प्रमुख नागरिक सेवाओं के साथ एकीकृत किया गया है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने जिन अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन किया था, उनमें चंडीगढ़ आवास बोर्ड का एक नया कार्यालय भवन, दो सरकारी स्कूल और एक पार्क शामिल हैं। उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन के अधीन सरकारी कर्मचारियों को केंद्रीय सर्विस रूल्स की सौगात भी देकर गए थे।