आदरणीय पवन बंसल जी, सुभाष चावला जी, प्रदीप छाबड़ा जी व कांग्रेस के साथियों,
आज आप सब से कुछ बात व आपकी सलाह लेना चाहता हूँ। पिछले दिनों कुछ एकाएक हुया, प्रदीप छाबड़ा जी को उतार के सुभाष चावला जी को प्रधान बना दिया गया। चावला जी एक सुलझे हुए नेता है। मेरे ख़याल से उनके साथ यूथ कांग्रेस के समय से २/३ साथियों में एक मैं हूँ पर तब मैं NSUI मे था। लेकिन जिस तरह से छाबड़ा जी को बदली गया है उस से लगभग सभी साथियों में रोष है। एक आदमी ने अपनी कारोबार को छोड़ और अपनी बिमार बेटी को देखभाल की जगह दिनरात कांग्रेस को मज़बूत करने में लगा दी उस से ऐसा बर्ताव समझ नहीं आ रहा। ओर उसके बाद का माहौल और भी परेशान कर रहा है।कुछ अटकलें व ख़बरें चल रही है।
चावला जी व बंसल जी करीबी एक सिनीयर लीडर (जो सिर्फ़ उम्र में ही सिनीयर है सिर्फ़ इधर-उधर की बातें ही करते हैं) ने सरेआम कहना शुरू कर दिया है कि छाबड़ा व उसके साथियों को
अब न पार्टी पद व MC की टिकटें मिलेगी । वो तो टिकट बाँटने भी लग गये हैं ।हमारे यहाँ एक सोसायटी प्रधान ने फ़ोन पे बधाई दी उसने स्पीकर पे अपने साथियों को भी सुनाए कि तेरी टिकट अब पककी। ये ज़ोरदार चर्चा है कि मेरा, यादवि्दर, कल्याण जी, सादिक़,पवन शर्मा जी, भाटिया जी , बावा जी , रीटा राना , जीत सिंह को न पद न टिकट मिलेगी। अगर सच में इनका यही मन व मर्ज़ी है तो साथियों हमें बताया जाये कि हम क्या करें? क्या हम छाबड़ा जी के प्रधान बन ने के बाद ही पार्टी में आये है ? हम ३४/५० साल से पार्टी में है। न कभी पार्टी छोड़ी न ही ग्रूप छोड़ा।

यही महाशय कह रहे हैं कि बंसल जी व छाबड़ा जी की बीच की अनबन की वजह से छाबड़ा व
उसके साथियों के पार्टी छोड़ने को मजबूर किया जाएगा ।जैसे पहले चंद्र मुखी परिनसीपल ग़ुरबचन सिंह, पूनम शर्मा, सुभाष, डा वर्मा वग़ैरह को किया गया । पर ये महाशय ये बात भूल गये कि छाबड़ा के साथ कितने लोग है। कोई भी पद व टिकट से नेता नहीं होता काम करना पड़ता है केवल चुग़ली से नेता नहीं बनते। हम पार्टी के सिपाही है जब विनोद शर्मा प्रधान बने थे तब हमें भी कांग्रेस भवन नहीं बुलाया जाता था हम आज भी पार्टी में है। और ये भी याद करवा दूँ, विनोद शर्मा दुबारा भी फिर प्रधान बन गए थे, ये राजनीति है, आज तेरी कल मेरी भी हो सकती है।

हर इलेक्शन में तन मन व धन से काम किया है, उनकी तरह मुफ़्त की रोटीया व गाड़ी नहीं ली । कई बार लड़ाई लड़ी, पर्चे किये व करवाये भी । यही लोग २०१४ में हारने के बाद कहते थे कि कांग्रेस की कोई टिकट नहीं माँगेगा, २०१९ में रोज़ कांग्रेस भवन में सारा दिन वर्कर का हौसला तोड़ते की आज इतने से हार रहे है। इनमें से इक ने तो यहाँ तक कह है कि जब तक बंसल जी है हम जीत नहीं
सकते .. बड़ा अफ़सोस है बंसल जी आपने ऐसा कहने वाले को कांग्रेस सोप दी और वो आज हमें निकालने की बात कर रहे है जो पार्टी के लिये डटे रहे ।

सभी साथियों से अनुरोध है कि हमें उचित सलाह दे ओर कांग्रेस को मज़बूत करने को सच्चाई का साथ दे, टिकट व पद तो करमयोददा को मिल ही जाते हैं ।
ये सब आपके विचार लेकर हम जल्द ही राहुल गांधी जी व सोनिया जी से मिलने जायेगे ।
आपका
संदीप भारद्वाज
महासचिव
चंडीगढ़ कांग्रेस