चंडीगढ़ प्रशासन जरूरतमंद लोगों को गेंहू नहीं आंटा दें: प्रदीप छाबड़ा

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चंडीगढ़ 18 APR 2020, कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण लगाये गए कर्फ्यू के दौरान चंडीगढ़ के निवासियों को आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए उठाये गए कदमों के लिए चंडीगढ़ प्रशासन का धन्यवाद करते हुए प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन शहर के निवासियों को उनके एरियों में राशन वितरित कर रहा है, शहर के निवासी जमीनी स्तर पर कुछ समस्याओं का सामना कर रहे है जैसे कि राशन केवल चंडीगढ़ निवासियों और घर के मालिकों को प्रदान किया जा रहा है और अन्य व किराए आदि पर रहने वालों तक को छोड़ा जा रहा है।

जब तक लॉकडाउन खत्म न हो जाए, तब तक राशन वितरण के लिए राशन कार्ड की जांच की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया जाना चाहिए, ताकि सभी निवासी प्रशासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठा सकें। आगे छाबड़ा ने कहा राशन को घर-घर पहुंचाया जाए, क्योंकि यह देखा जा रहा है कि जब राशन वितरण टीम इलाके में पहुंचती है, तो लोग वितरण स्थल पर बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं, जो कि सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों के खिलाफ है।राशन की डोर-टू-डोर डिलीवरी सोशल डिस्टेंसिंग में मदद मिलती है और लोगों मे संक्रमण का खतरा ना के बराबर हो जाता है इसलिए इस पर जल्द से जल्द एक नीति तैयार करनी चाहिये। इसके अलावा राशन के हिस्से के रूप में योजनाओं के लाभार्थियों को गेहूं प्रदान किया जा रहा है। जैसा कि शहर में “आटा चकियाँ” बंद हैं, उनके लिए गेहूं को पिसवाना बहुत मुश्किल है। इसलिए, यह मेरा सुझाव है कि कम से कम 1 महीने के लिए, प्रशासन को गेहूं के बजाय लाभार्थियों को गेहूं का आटा (आटा) प्रदान करना चाहिए।

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