इस शहर की जनता को आप क्या कहेंगे! बिजली निजीकरण पर शहर के रवैये को ऐसे समझ सकते हैं

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नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज एण्ड इंजीनियर्स के आह्वान पर विशाल रोष व मार्च कर प्रशासक को दिया ज्ञापन

कुमार मधुकर

चण्डीगढ़ 31 दिसम्बर 2024 – नेशनल कोआर्डीनेकशन कमेटी ऑफ इलैक्ट्रीसिटी इम्पलाईज एण्ड इन्जीनियरस के आह्वान पर देश व्यापी संघर्ष के तहत चण्डीगढ़ के बिजली कर्मचारियों ने दोपहर 12 से 1 बजे तक कार्यालयों के सामने रोष रैलियां की व शाम को विशाल रैली व मार्च करके गर्वनर पंजाब व चण्डीगढ़ के प्रशासक के माध्यम से राष्ट्रपति महोदया को तथा प्रशासक महोदय को ज्ञापन दिये गये। राष्ट्रपति महोदया को दिये ज्ञापन में मुनाफे में चल रहे बिजली विभाग को कोडियों के भाव निजी कम्पनी को बेचने का फैसला रद्द करने व कम्पनी को किया गया (एल ओ आई) निरस्त करने की माँग की। ज्ञापन में कहा गया कि विभाग की परिसम्पत्तियों की स्वतन्त्र आडिट कराये बिना बेस प्राईज सिर्फ 174.63 करोड़ करने की निन्दा की गई तथा इस करार को रद्द करने की माँग की तथा प्रशासक महोदय को सौंपे अन्य ज्ञापन में आरोप लगाया कि प्रशासन के अधिकारी बार बार नियमों व बिडिग प्रोसेस की धज्जियां उडा रहे हैं तथा कर्मचारियों की सेवा शर्तो की भी उल्लंघना कर रहे हैं तथा कर्मचारियों से औप्सन लिये बिना, उनकी मर्जी के खिलाफ जबरदस्ती निजी कम्पनी के हवाले किया जा रहा है जो पूरे देश में अपवाद है।

रैलियों को सम्बोधित करते हुए यूनियन के प्रधान अमरीक सिंह, महासचिव गोपाल दत्त जोशी, पूर्व प्रधान ध्यान सिंह,उप प्रधान गुरमीत सिंह, सुखविंदर सिंह, विनय प्रसाद, कश्मीर सिंह, पान सिंह, वीरेंद्र सिंह, ललित सिंह,सत्कार सिंह,राम गोपाल, कुलविंदर सिंह,जगतार सिंह, ,सुरिंदर सिंह आदि पदाधिकारियों  तथा फेडरेशन के प्रधान रघवीर चन्द,राजेन्द्र कटोच, हरकेश चन्द,हरपाल सिंह तरुण जायसवाल आदि ने  आरोप लगाया कि प्रशासन कर्मचारियों की सेवा शर्ते तय किये बिना व ओप्सन लिये बगैर विभाग को निजी कम्पनी को हैंडओवर करने जा रहा है।

वक्ताओं ने सवाल किया कि कर्मचारियों का सरकारी स्टेटस उनसे बिना पूछे कोई कैसे बदल सकताहै। दरअसल अधिकारियों ने टेंडर लगाने से पहले ट्रांसफर पॉलिसी पब्लिश करनी थी जो अभी तक 4 साल बाद भी नहीं की है उसी गलती को बार बार छुपाने के लिए गलतियों पर गलतियां की जा रही है तथा कर्मचारियों के परिवारों का पैसा निजी ट्रस्टों में लुटाया जा रहा है। वह भी उनकी मर्जी के बिना जो सरासर अन्याय व अत्याचार है। उन्होंने सवाल किया कि यह पूरी दुनिया का बेसिक सिद्धांत है कि प्राइवेट ऑपरेटर कर्मचारियों व आम जनता के हितों की बजाय अपने मुनाफे के लिए काम करता है।

वक्ताओं ने आगे कहा कि प्रशासन विभाग को हैंडओवर करने के बाद पॉलिसी बनाने की बात कर रहा है, तथा यह गलतफहमी पैदा कर रहा है कि हैण्ड ओवर के बाद ट्रांसफर  पालिसी बनायेंगे जो बेबुनियाद व कुतर्क है। उन्होंने चेतावनी दी कि प्रशासन तुरन्त कर्मचारियों से सम्बन्धित मुद्दों पर स्पष्ट निर्णय ले तथा इस सम्बन्ध में यूटी से एम सी में ट्रांसफर कर्मचारियों बारे लिया गया फैसला, एनटीपीसी के कर्मचारियों के सम्बन्ध में लिये फैसले जिसमें कहा गया कि कर्मचारी की मर्जी के बिना उसका इम्पलायर नहीं बदल सकता तथा गर्वनमैंट प्रैस के कर्मचारियों को दूसरे विभागों में अडजस्ट करने आदि का ध्यान रखकर फैसला करें जिस सम्बन्ध में प्रशासन के सभी अधिकारियों को डिटेल ज्ञापन दिये गये है लेकिन इस पर गौर करने की बजाय बार बार भड़काहट वाली कार्यवाही की जा रही है जिसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जायेगा। निजीकरन को पूरे तोर पर रद्द करने, तथा एल ओ आई रद्द करने की मांग करते  हुये चेतावनी दी कि जिस दिन विभाग  को हैन्ड ओवर किया जायेगा उसी दिन से कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा।मार्च के बाद प्रशासन के पी आर ओ राजीव तिवारी ने ज्ञापन लिया।

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