कुमार मधुकर
चंडीगढ़। बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है। इसी कड़ी में आज यहां चंडीगढ़ के वकील सेक्टर 22 में चण्डीगढ़ कांग्रेस के तत्वावधान में चल रही क्रमिक भूख हड़ताल में शामिल हुए। अधिवक्ताओं राजीव शर्मा और हरदीप हंस के नेतृत्व में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय और जिला सत्र न्यायालय चंडीगढ़ के वकीलों मीनाक्षी चौधरी, अनीता शर्मा, हुकम चंद, गुरदेव सिंह, गोविंद सिंह यादव, शशि कपूर, प्रदीप केडी, अवतार सिंह, हरप्रीत उप्पल, अरुण वशिष्ठ, गगनदीप सिंह और मृणाल रंधावा ने चंडीगढ़ की जनता के साथ एकजुटता दिखाते हुए आज एक दिन का उपवास किया। चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष एच.एस.लकी ने सुबह उपवास की शुरुआत में वकीलों का स्वागत किया और शहर के निवासियों के महत्वपूर्ण मुद्दे के साथ खड़े होने के लिए उनका धन्यवाद किया।
इस अवसर पर बोलते हुए अधिवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि बिजली ट्रांसमिशन को निजी कंपनी को सौंपने के फैसले से शहर में बिजली की दरों में काफी वृद्धि होने जा रही है। सीईएससी कंपनी कोलकाता में चंडीगढ़ की तुलना में कहीं अधिक दर पर बिजली आपूर्ति करती है।, वही सब कुछ दिनों में यहां होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एसमा) जैसे प्रावधानों से विभाग के कर्मचारियों को डराने के बजाय प्रशासन को कर्मचारियों और जनता के प्रतिनिधियों को आमंत्रित करना चाहिए ताकि वे भाजपा के इशारे पर उठाए जा रहे जनविरोधी कदम के नुकसान से अवगत हो सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि आरपी संजीव गोयनका ग्रुप ऑफ कंपनीज ने पिछले सालों में इलेक्टोरल बॉन्ड और ट्रस्ट के रूप में 709 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। इसकी एवज में अच्छे तरीके से चल रहे चंडीगढ़ बिजली विभाग को उनकी सहायक कंपनी को सौंपा जा रहा है। इस अवसर पर एडवोकेट हरदीप हंस और जिला न्यायालय चंडीगढ़ के उनके साथियों ने चंडीगढ़ प्रशासन से लोगों की आवाज सुनने और चंडीगढ़ में बिजली ट्रांसमिशन के निजीकरण के विवादास्पद फैसले को वापस लेने की अपील की।