चंडीगढ़ की आवाज पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार अविनाश सिंह शर्मा भूख हड़ताल के आठवें दिन ग्राम दरिया में अनशन पर बैठे। उनके साथ बैठें दरिया ग्राम वासियों ने उन्हें खुल कर साथ दिया। ग्राम वासियों ने कहा कि राजनेताओं के इशारों पर ही घर तोड़े जाते थे। वहीं नेता मसीहा बनने का ड्रामा करते थे। शर्मा के प्रयास से चंडीगढ़ के गांवो को तानाशाह राजनेताओं की गुलामी से आजादी मिली। पिछले 58 वर्षों से चंडीगढ़ के गांवो में लाल डोरे से बाहर न्यू कैपिटल पंजाब पेरी फेरी कंट्रोल एक्ट 1952 के वायलेशन बताकर भाजपा कांग्रेस नेताओं के इशारों पर बुलडोजर चलाए जाते थे। हर चुनाव में कांग्रेस भाजपा के राजनेता का मुद्दा लाल डोरा होता था। चंडीगढ़ की आवाज पार्टी के प्रयास से 29 अगस्त 2018 को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से फैसला आया कि चंडीगढ़ के अंदर पेरीफेरी कंट्रोल एक्ट 1952 लागू नहीं है। फैसला के बाद भाजपा कांग्रेस की बड़ी पोल खुल गई। चंडीगढ़ प्रशासन अपनी गलती का माफी मांगे और जिनके मकान तोड़े गये थे उन्हें मुआवजा मिले एवं 13 गांवों को नगर निगम में शामिल करने का फैसला प्रशासन वापस लेने की मांग के साथ
06/12/18 से अविनाश सिंह शर्मा भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
उनके साथ मुख्य रूप से राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल किशोर शर्मा नीरज सक्सेना,राजकुमार, सुनील गुप्ता, पारसनाथ,रामवयास, संजय दुबे, जयशंकर, अमोद गुप्ता, रीता सक्सेना, दुर्गा देवी, कंचन देवी, सीता देवी, उर्मिला देवी आदि साथ बैठें थे।