चंडीगढ: बिजली के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

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राज सिंह 
चंडीगढ़ 19 नवंबर 2019। यूटी पावरमैन यूनियन के आह्वान पर बिजली कर्मचारियों ने मंगलवार को बिजली दफ्तर सैक्टर-18 के सामने प्रदर्शन किया। आज प्रदर्शन का आह्वान सुचारू और मुनाफे में चल रहे बिजली विभाग के निजीकरण की योजना को लेकर किया गया। विभाग में खाली पड़ी पोस्टों को भरने संबंधित पोस्टों पर रखे गये आउटसोर्स कर्मचारियों को विभाग के अधीन कर उनकी सेवायें नियमित करने, कर्मचारियों को 9/16/23 का वेतनमान जारी करने तथा शीघ्र ऐरियर देने के अलावा अन्य लंबित मांगों को लेकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया।
यूनियन नेताओं ने कहा
यूनियन के महासचिव गोपाल दत्त जोशी, कार्यकारी प्रधान ध्यान सिंह, अमरीक सिंह, गुरमीत सिंह, नरिन्द्र कुमार, पान सिंह, कर्मजीत सिंह, हरजिन्दर सिंह के अलावा यूनियन के अन्य पदाधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मुनाफे में चल रहे बिजली विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू किए जाने की निंदा की। साथ ही कहा कि दो दशक पहले तक कथित सुधारों का हवाला देकर तथा बिजली क्षेत्र के वित्ती हालातों को सुधारने के नाम पर बिजली बोर्डो को तोड़कर कार्पोरेशन तथा कंपनियां बना दी गई तथा बिजली बोर्डो को 26000 करोड़ का घाटे से उबारने की बात की गई। इसके लिए करोड़ो रुपए का अनुदान भी दिया गया तथा बिजली की दरें बढ़ाने की छूट भी दी गई फिर भी अविघटित बिजली बोर्डो का घाटा जो बिजली बोर्डो को तोड़ने से पहले 26000 करोड़ था सरकार के 1,90,000 करोड़ का बेल आउट पैकेज देने के बाद भी बढ़कर 10 लाख करोड़ पहुंच चुका है।
मुनाफे में चल रहा बिजली विभाग 
कर्मचारी नेताओं ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि सरकार बार बार यह प्रचार कर रही है कि बीमार तथा घाटे में चल रहे सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उद्योगों का ही निजीकरण किया जाएगा, जबकि इसके ठीक विपरीत सौ करोड़ से अधिक मुनाफे में चल रहे बिजली विभाग के निजीकरण करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। यह शहर की जनता के लिए बिलकुल भी न्यायोचित नहीं है। इसलिए पशासन को निजीकरण की प्रक्रिया बंद कर जनता को मुसीबत में डालने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर के बिजली विभाग में 100 प्रतिशत कर्मचारियों की कमी तथा स्टोर में सामान ना होने के बावजूद विभाग जनता को बेहतर सेवा दे रहा है। जेई आरसी की स्टैर्ण्ड आफ प्रोफोरमेंस 99.9 प्रतिशत लागू की जा रही है। बेहतर सेवा के लिए विभाग को पिछले पांच साल से लगातार अवार्ड मिल रहे है। शहरी, ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा कालोनियों में 95 प्रतिशत से अधिक मीटरिंग सप्लाई दी जा रही है। विभाग में लाइन लोस 10 प्रतिशत से नीचे है। यहां पर सिर्फ बिजली वितरण का ही काम है तथा विभाग सारी मुश्किलों के बावजूद जनता को सस्ती तथा निर्बाध बिजली देने में कामयाब है। कर्मचारियों ने साफ कर दिया निजीकरण के प्रयास को सफल नहीं होने देंगे।
विभाग को तहस नहस
वक्ताओं ने आरोप लगाया कि इंजिनियरिंग विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की मांगों का समाधान करने की बजाये विभाग को तहस नहस करने में लगे है। इसके लिए सारी प्रक्रियाओं की अनदेखी की जा रही है तथा कुछ लोगों को फायदा देने के लिए बार बार टैंडर प्रक्रिया शुरू कर रहे है। उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा बार बार कन्सलटैंट की नियुक्ति के लिए टेंडर लगाने की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है तथा सभी कर्मचारियों से लगातार रैलियां और प्रर्दषनों में शामिल होने तथा दिनांक 22 नवंबर 2019 को बिजली दफ्तर सैक्टर 17 के सामने दिये जा रहे विषाल रोष धरने में भारी संख्या में शामिल होने की अपील की।
अड़ियल रवैये के खिलाफ 
सहायक लाईनमैनों को पिछले तीन साल से पैंडिग डीसी रेट का भुगगतान करने, कर्मचारियों की वेतन विसंगित दूर कर ऐरियर का भुगतान करने, मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को 5 प्रतिशत सीलिंग खत्म कर पंजाब के आधार पर नौकरी देने, विभाग में फाल्ट लोकेटर वैन, ट्रांसफार्मर, केबल, मीटर तथा अन्य समान का प्रबन्ध करने, कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण देने तथा उनका बीमा करने, पिछले चार साल से गैर कानूनी तौर पर निलंबित रखे गये इंजीनियर शाम लाल को सभा सुविधाऐं देने समेत बहाल करने, आई सी टी की आड़ में विभागीय प्रक्रिया पूरी किये बगैर कर्मचारियों की नियमित वेतन वृद्वि रोकने आदि मांगों के प्रति प्रशासन के मुख्य अभि यंता, अधीक्षक अभियंता तथा कार्यकारी अभियंताओं के नकारात्मक तथा अड़ियल रवैये के खिलाफ किया गया।

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