राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग ने एडवाइजर-कमिश्नर से किया जवाब तलब

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68 लाख के नोटिस पर
चंडीगढ़ 14 जनवरी 2020। वालमीकि जंयती के दौरान शुभकामनाओं से संबंधित होर्डिंग्स लगाए जाने पर सभा के चेयरमैन गुरचरण पर एमसी की ओर से 68 लाख के नोटिस ठोके जाने और नौकरी से निकालने की शिकायत के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग ने एडवाइजर मनोज परीदा और एमसी कमिश्नर केके यादव से जवाब तलब किया है। आयोग ने एडवाइजर को 15 दिन के अंदर तो, कमिश्नर से सात दिन के अंदर घटना से संबंधित पूरी जानकारी मांगी है। आयोग ने पत्र लिखकर उक्त दोनों ही अधिकारियों से कहा कि जवाब खुद उपस्थित होकर या अन्य माध्यमों से भेज सकते हैं। आयोग के सख्ती के बाद से एमसी में हलचल शुरू हो गई। ध्यान रहे कि गुरचरण को नौकरी से निकालने और लाखों के नोटिस भेजे जाने से वाल्मीकि समाज में जबरदस्त रोष है। प्रदर्शन का दौर चल रहा है। 
उक्त घटना के बाद से वालमीकि शोभा यात्रा आयोजक कमेटी की ओर से आपातकालीन कमेटी का गठन किया है। इसमें कई सदस्यों को शामिल किया गया है, जिसमें कंवर पाल गहलोत, कुलदीप ढिलोड, विजय लाहौरा, सतबीर सिंह के अलावा अन्य सदस्य शामिल हैं। इन सदस्यों ने ही राष्टÑीय अनुसूचित आयोग को एमसी के तुगलगी फरमानों से संबंधित शिकायत दी थी। इसके बाद आयोग ने सख्त कदम उठाते हुए एडवाइजर मनोज परीदा और कमिश्नर केके यादव से जवाब तलब किया है। 
 
वालमीकि समाज व शोभा यात्रा कमेटी का आरोप है कि समाज के तत्कालीन मेयर राजेश कालिया के होते हुए भी एम.सी कमीशनर केके. यादव की ओर से 68 लाख के नोटिस वालमीकि जंयती मनाने पर गुरचरण सिंह पर थोपा गया व एम.सी चंडीगढ दवारा उनकी नौकरी छीन ली गई है। इसके बाद से ही वालमीकि समाज के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। आपातकालीन कमेटी ने निर्णय लिया कि एम.सी प्रशासन दवारा इस नोटिस को शीघ्र वापिस नहीं लिया गया और गुरचरण सिंह की नौकरी वापिस नहीं की गई तो शहर में जगह-जगह पुतले फूंके जाएंगे, प्रदर्शन  किया जाएगा। यहां यह भी बताना जरूरी है कि इस मामले को सीनियर एडवोकेट सतिंदर सिंह ने उठाया था। 

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