पंचकूला, 10 अक्तूबर 2019। कर्मचारी लाम्बद्ध राज्य भर में करेंगे नागरिक सम्मेलन, किसान मजदूर, कर्मचारी विरोधी नीतियों का करेंगे पर्दाफास। भाजपा द्वारा 2014 विधानसभा चुनाव में पंजाब की तर्ज पर वेतनमान लागू करने का वायदा किया था। मिनिस्ट्रीयल स्टाफ कर्मचारी लगातार 5 वर्ष तक आंदोलनरत रहे। लेकिन सरकार द्वारा किया गया वायदा पूरा नहीं किया गया। विधायक मंत्री, स्वयं मुख्यमंत्री पड़ोसी राज्य पंजाब की तुलना में डेढ़ गुणा ज्यादा वेतन लेकर जनताहितेषी होने का ढोंग कर रहे हैं। हरियाणा मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन हमसा सम्बंद़्ध सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा प्रांतीय अध्यक्ष महेंद्र प्रताप गुलिया, महासचिव सतीश सेठी, प्रवक्ता संदीप सांगवान ने संयुक्त रूप से बताया कि हरियाणा सरकार की रीढ़ कहलाने वाला मिनिस्ट्रीयल स्टाफ कर्मचारी अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहा है। पड़ोसी राज्य पंजाब की तुलना में मिनिस्ट्रीयल स्टाफ कर्मचारियों को 18 हजार रूपए प्रतिमाह कम वेतन दिया जा रहा है। जिसकों लेकर कर्मचारियों में रोष है। मिनिस्ट्रीयल स्टाफ कर्मचारी पे- लेवल 6 में 35400 की मांग कर रहा है। मिनिस्ट्रीयल स्टाफ कर्मचारियों ने 477 दिन कुरूक्षेत्र व 316 महेंद्रगढ़ में लगातार आंदोलन कर अपनी आवाज को बुलंद किया था लेकिन गूंगी बहरी सरकार ने किसी भी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं की। जिसकों लेकर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ कर्मचारियों में भाजपा सरकार की नीतियों में प्रति गहरा रोष है। विधानसभा चुनाव के दौरान कर्मचारियों ने अह्म बैठक कर फैसला लिया कि सभी नब्बे विधानसभा क्षेत्रों में नागरिक सम्मेलन कर सरकार की नीतियों की पोल खोलेंगे। नागरिक सम्मेलन की तैयारियों को लेकर राज्यभर में टीमों का गठन कर प्रचार प्रसार को तेज कर दिया है। कर्मचारी तय किया कि घर घर जाकर पर्चें बांटकर सरकार की किसान, मजदूर, कर्मचारी विरोधी नीतियों की पोल खोलेंगे। महासचिव सतीश सेठी ने बताया कि जनता की सेवा के लिए खोले गए सरकारी विभागों को बड़ी तेजी के साथ निजीकरण की भटठी में धकेला जा रहा है। बेरोजगारों के रोजगार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। सरकारी विभागों में आऊट सोर्सिंग, ठेका प्रथा, पीपीपी, निजीकरण की नीतियों को बढ़ावा देकर अपने चहेते पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने का क्रम जारी है।