चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुआ घमासान! कांग्रेस व अकाली ने चुनाव का किया बहिष्कार, ऐसे जीती भाजपा

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संजीव शर्मा
चंडीगढ़ 8 JAN 2021। इस बार भी मेयर चुनाव में भाजपा ने फिर से बाजी मारी। शुक्रवार को भाजपा के सभी तीनों उम्मीदवार मेयर के तौर पर रविकांत शर्मा, सीनियर डिप्टी मेयर महेश इंदर सिंह और डिप्टी मेयर फर्मिला जीत गए। मेयर चुनाव में कांग्रेस से उम्मीदवार देविंदर सिंह बबला 12 वोटों से हार गए, जबकि कांग्रेस पार्षदों ने मेयर चुनाव में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनावों का बहिष्कार कर दिया। मेयर पद के लिए हुए मतदान में भाजपा उम्मीदवार रविकांत ने कुल 27 में से 17 मत हासिल किए जबकि कांग्रेस के देविंदर बबला को सिर्फ 5 वोट ही मिले, दो वोट रद्द कर दिए गए। दूसरी तरफ अकाली दल के पार्षद हरदीप सिंह ने किसान आंदोलन पर मोदी सरकार के रवैये और मरने वाले किसानों को लेकर दो मिनट का मौन न रखने के विरोध में चुनाव का बहिष्कार कर दिया। इस चुनाव में सांसद किरण खेर, पार्षद हीरा नेगी तबियत ठीक नहीं होने के कारण मतदान करने के लिए नहीं आईं।

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चुनाव की जीत पर मेयर ने कहा
चंडीगढ़ के मेयर सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद पर भाजपा प्रत्याशियों की जीत के बाद नवनिर्वाचित मेयर रविकांत शर्मा ने इसे पार्टी की जीत करार देते हुए प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रभारी, स्थानीय अध्यक्ष व पूर्व अध्यक्ष, सांसद आदि सहित अपने वार्ड के मतदाताओं का भी धन्यवाद किया। इसके बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने शहर के लिए अपनी प्राथमिकतायें गिनाई। निगम के वित्तीय संकट  के संबंध में उनका कहना था कि  निगम में विकास के लिए कोई पैसे की कमी नहीं है। शहर के विकास के लिए पैसा  हैं अलग अलग  परियोजनाओं के लिए तय होता है। फिर भी अगर कोई आवश्यकता पड़ेगी तो सब मिल कर गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भी  भेजेंगे व शहर के लिए अतिरिक्त बजट की मांग की जाएगी।

स्वच्छता सर्वेक्षण में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम

मेयर का कहना था कि शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान पर लाने के लिए अधिकारियों, विपक्ष, नागरिकों को साथ लेकर प्रयास किए जाएंगे। निगम शीघ्र ही गारबेज प्लांट के लिए एक्सप्रैशन आफ इंटरस्ट मांगने वाला है व डंपिंग ग्राउंड में भी  माईनिमग की परियोजना चल रही है। इसके बाद शहर को देश का ही नहीं दुनिया का सबसे सुंदर शहर बनाने के लिए हम प्रयासरत्त रहेंगे। रवि ने कहा कि उनका प्रयास रहेगा  न केवल भाजपा अपितु कांग्रेस के पार्षदों को भी साथ लेकर शहर के विकास का रोड़मैप तैयार हो। यह सब मतभेद मिल बैठ कर सुलझ जाते हैं। मेयर ने साफ किया कोरोना की वजह से निगम के बजट में 20 प्रतिशत कटौती की गयी थी व अब कोरोना का प्रकोप खत्म होने वैक्सीन भी सब जगह आनी शुरू हो जायेगी। अब अगले वित्त वर्ष के बजट में इसे पूरा किया जायेगा।

मेयर चुनाव में लोकतांत्रिक व्यवस्था हुई तार तार:- कांग्रेसचंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा, पूर्व मेयर  सुभाष चावला,  दविंदर सिंह बबला, गुरबख़्श रावत, शिलाफुल सिंह,सतीश कैंथ, रविंदर गुजराल ने संयुक्त बयान में कहा कि जिस तरह आज नगर चुनाव में भाजपा के नेताओं, प्रिजाइडिंग आॅफिसर व सचिव  द्वारा लोकतांत्रिक व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ाई गई उससे लोकतंत्र को शर्मसार होते सब ने देखा। जिस प्रशासन व नगर निगम के अधिकारियों ने आदेश दिए कि  वोट के समय कैमरा व फोन लेकर नहीं जाएगा, उन्हीं  के आंखों के सामने मत पत्रों की फोटो खींची गई । उनका तर्क था कि हर पार्षद वोट डालते हुए दो मिनट से अधिक का समय लगा रहा था, जिससे स्पष्ट है कि वह भीतर मत पत्रों की तस्वीरें खींच रहे थे। छाबड़ा ने दावा किया कि अगर मतदान की प्रक्रिया में गोपनीयता बरकारा रखी जाती तो आज मेयर कांग्रेस का होता। उनका कहना था कि अब यह लड़ाई सड़कों पर लड़ी जायेगी व भाजपा के निगम में भ्रष्टाचार को उजागर किया जायेगा।

खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे: सूद
कांग्रेस के आरोपों के जवाब में भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद का कहना था कि खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे। उनका कहना था कि जब सदन में उनके पास बहुमत ही नहीं था तो जीत का दावा कैसे कर सकते हैं।

वोटों के रद्द होने पर जांच होगी: दुष्यंत
मेयर चुनाव में दो वोट रद्द होने पर पार्टी प्रभारी दुष्यंत गौतम ने इसे चिंता का विषय करार दिया। मीडिया के साथ बातचीत में उन्होंने पूरे मामले में पार्टी प्रधान अरुण सूद को कमेटी बिठा कर जांच किए जाने को कहा। उन्होंने कहा की पिछले पांच साल में पार्षद वोट डाल रहे हैं कही न कही नियत में खोट जरूर है। उन्होंने कहा की एक बार पार्षद चुन लिया जाता है तो कुछ नहीं बिगाड़ सकते है लेकिन अब चुनावी वर्ष होने से टिकट कट भी जाते हैं। जब उन से सवाल किया गया की 2017 से अब तक क्रॉस वोटिंग होती रही है पहले भी जांच की बाते  उठायी जाती रहती है होता कुछ नहीं है इस जांच में कैसे क्या पता चलेगा।

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