ध्यान रहे कि शहर के अन्य पार्किगों में पहले मनमर्जी करते हुए दो पहिए वाहनों से 6 और चार पहिए वाहनों से 12 रुपए की वसूली शुरू हो गई थी। इसको लेकर जब राष्ट्रीय अखबार आज समाज ने प्रमुखता से खबर छापी तो कई पार्किंगों में फिर से पुराने रेट की वसूली शुरू हो गई, लेकिन हैरानी की बात है कि सेक्टर-7 के एडज्वाइनिंग सेक्टर-26 मध्यमार्ग के साथ की मार्केट में पार्किंग ठेकेदार पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। साथ ही बदतमीजी, सीनाजोरी करते हुए लोगों से मनमर्जी के हिसाब से पार्किग फीस बढ़ाकर वसूली हो रही हैं।
आरके गर्ग ने पूछा कौन है ठेकेदारों के पीछे
सेकेंड इनिंग चेयरमैन आरके गर्ग ने कहा कि शहर की पार्किंग्स में जबरन फीस वसूली का काम
लगातार चल रहा है। इसके बाद भी प्रशासन के अधिकारियों की चुप्पी हैरान करने वाली है। गर्ग ने स्पष्ट किया कि इसमें भ्रष्टाचार एक बहुत बड़ा कारण लगता है। अन्यथा किसी भी ठेकेदार की ऐसी सीनोजारी करने की हिम्मत नहीं होती। आरटीआई एक्टिविस्ट गर्ग ने चंडीगढ़ प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि इस सीनाजारी की पूरी ताहकीकात होनी चाहिए। साथ ही पार्किंग्स को लेकर चल रहे भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ा जाए। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ जैसे शहर में प्रशासन के नाक के नीचे इस तरह की हक़ीक़तें गलत तस्वीर पेश करती है। इसलिए पार्किंग्स के ठेकेदार पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
आप ने पूछा पार्किंग के दो रेट कैसे
आप कनवीनर प्रेम गर्ग ने नगर निगम अधिकारियों से एक बार फिर से सवाल किया है कि चंडीगढ़
में पार्किंग की दो दरें कैसे और क्यों हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा क्या स्मार्ट है कि सेक्टर 26 मध्य मार्गपार्किंग में जहां ठेकेदार 10 रुपये के बदले 12 रुपये ले रहा है। वहीं बाक़ी जगहों पर रेट कम करने के बाद से 10 रुपए लिये जा रहे हैं, जबकि जोन-1 के ठेकेदार को विशेष अधिकार क्यों और किसने दिया। प्रेम गर्ग का कहना है कि जब तक ठेकेदार कम्पनी द्वारा कांट्रैक्ट की सभी शर्तें पूरी नहीं की जाती है। तब तक पार्किंग फ़ीस बढ़ाने का कोई सवाल ही नहीं होना चाहिये।
मेयर रविकांत की रटी रटाई
अब इस संबंध में मेयर रविकांत शर्मा से पार्किंग्स ठेकेदारों की मनमानी के बारे में जब भी बात की तो उन्होंने एक ही बात कही कि इसकी जांच कराएंगे। हालांकि यह देखने वाली बात है कि मेयर रविकांत कब तक ठेकेदारों की दादागिरी के खिलाफ जांच कराते हैं।