

इस अवसर पर पंजाब के माननीय राज्यपाल एवं चण्डीगढ़ के प्रषासक श्री बनवारी लाल पुरोहित, पूर्व सांसद श्री सत्य पाल जैन और डी.जी.पी. पंजाब संजीव कालरा भी पधारे। माननीय राज्यपाल श्री बनवारी लाल पुरोहित जी ने कहा कि मैं जैन धर्म व जैन सिद्धांतों के प्रति हमेशा आकर्षित हूं। यह बहुत पुराना धर्म है। सत्य और अहिंसा पर जैन धर्म का आधार है। गुणों को स्वीकार और अवगुणों को अपने जीवन से निकालना है। जैन धर्म में कहा है ‘‘सादा जीवन उच्च विचार’’ सादगी भरा जीवन अपना लो और उच्च विचार रखो। किसी की देखा देखी नहीं, जीवन में आडंबर-प्रदर्शन नहीं करें।
श्री सत्य पाल जैन ने कहा कि जैन धर्म का आचरण व इसकी तपस्या सबसे कठिन है। धर्म का मूल संबंध दुःख निरोध और आनन्द की उपलब्धि से है। श्री सूरीश्वर जी महाराज ने कहा चारों गतियों में दुर्लभ मनुष्य जीवन मिला है। इस मानव जीवन को सफल बनाने के लिए अच्छे-अच्छे कार्य करते रहना। यह सुकृत कार्य हमारे जीवन को सफलता की और ले जाते हैं। सुकृत व दुकृत कार्य अपने मन से करने हैं। इस मनुज जीवन में सुकृत करने रहने से स्वकल्याण पर कलयाण व सर्व कल्याण के कार्य सरलता व सुगमता से होंगे। इस उत्सव पर जैन श्वेताम्बर समाज के पदाधिकारी श्री सुशील जी जैन, प्रदीप जी जैन, संजय जी जैन, आदि युवक मंडल, युवती व महिला मंडल दिगंबर जैन समाज के श्री संत कुमार जैन, श्री नवरत्न श्री जैन आदि पदाधिकारी पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश आदि अनेक स्थलों से भक्तजन पधारें। जैन श्वेताम्बर समाज की और से माननीय राज्यपाल श्री बनवारी लाल पुरोहित, पूर्व सांसद श्री सत्य पाल जैन, डी.जी.पी. पंजाब श्री संजीव जी कालरा का सम्मान भी किया गया।