चंडीगढ़ बिजली कर्मियों ने बहिष्कार की चेतावनी दी 

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          राज सिंह

चण्डीगढ़, 09 अक्तूबर 2019- यूटी पावरमैन यूनियन के आह्वान पर चण्डीगढ़ के बिजली कर्मचारियों ने बुधवार को बिजली दफ्तर सैक्टर 17 के सामने विशाल प्रदर्शन किया। इस रोष प्रदर्शन का आह्वान सुचारू तथा मुनाफे में चल रहे चण्डीगढ़ के बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में, विभाग में खाली पड़ी पोस्टों को भरने, संशोधित पोस्टों पर रखे गये आउटसोर्स कर्मचारियों को विभाग के अधीन कर उनकी सेवायें नियमित करने, कर्मचारियों को 9/16/23 का वेतनमान जारी करने, सहायक लाईनमैनों पिछले तीन साल से पैंडिग डीसी रेट का भुगतान करने, कर्मचारियों की वेतन विसंगित दूर करने, मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को 5 प्रतिषत सीलिंग खत्म कर पंजाब के आधार पर नौकरी देने, विभाग में फाल्ट लोकेटर वैन, ट्रांसफार्मर, केबल, मीटर तथा अन्य समान का प्रबन्ध करने, कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण देने तथा उनका बीमा करने व खाली पोस्टों को यूटी के कर्मचारियों को प्रमोशन देकर भरने की बजाये इन पर एसडीओ तथा जूनियर इंजीनियर आदि पोस्टों पर पंजाब तथ हरियाणा से पैनल मंगवाने का विरोध करने आदि मांगों के प्रति प्रशासन के नकारात्मक तथा अड़ियल रवैये के खिलाफ दिया गया।

धरने को संबोधित करते हुए यूटी पावरमैन यूनियन के महासचिव गोपाल दत्त जोशी, कार्यकारी प्रधान ध्यान सिंह, संयुक्त सचिव  अमरीक सिंह, राजपाल, पान सिंह, परमजीत सिंह, कश्मीर सिंह, रणजीत सिंह, दलेर सिंह, स्वर्ण सिंह, हरजिन्द्र सिंह, आदि यूनियन के पदाधिकारियों के इलावा फैड़रेषन के उप प्रधान राजेन्द्र कटोच, भीमसेन, हरपाल तथा यूटी पैन्षनर्स ऐसोसिऐषन के प्रधान राम सरूप तथा वित्त सचिव सुच्चा सिंह आदि ने भी सम्बोंधित किया। 

रैली तथा प्रर्दशन को सम्बोंधित करते हुए वक्ताओं ने प्रशासन द्वारा सुचारू रूप से चल रहे चण्डीगढ़ के बिजली विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू करने की तिखी निंदा की तथा कहा कि दो दशक पहले तथ कथित सुधारों का हवाला देकर तथा बिजली क्षेत्र के वित्ती हालातों को सुधारने के नाम पर बिजली बोर्डो को तोड़कर कार्पोरेशन तथा कंपनियां बना दी गई तथा बिजली बोर्डो को 26000 करोड़ का घाटे से उबारने की बात की गई जिसके लिए करोड़ो रूपये का अनुदान भी दिया गया तथा बिजली की दरें बढ़ाने की छूट भी दी गई फिर भी अविघटित बिजली बोर्डो का घाटा जो बिजली बोर्डो को तोड़ने से पहले 26000 करोड़ था सरकार के 1,90,000 करोड़ का बेल आउट पैकेज देने के बाद भी बढ़कर 10 लाख करोड़ पहुंच चुका है। सरकार बार बार यह प्रचार कर रही है कि बिमार तथा घाटे में चल रहे सार्वजनिक क्षेत्र/बिजली उद्योगो का ही निजीकरण किया जाएगा उसके विपरित चण्डीगढ़ में सौ करोड़ से अधिक मुनाफे में चल रहे बिजली विभाग के निजीकरण करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है जो किसी भी तरह न्यायोचित नहीं है इसलिए प्रषासन को निजीकरण की प्रक्रिया बंद कर जनता को मुसीबत में डालने  से बचना चाहिए।

उन्होंने कहा कि चण्डीगढ़ के बिजली विभाग में 100 प्रतिषत कर्मचारियों की कमी तथा स्टोर में सामान ना होने के बावजूद विभाग जनता को बेहतर सेवा दे रहा है तथा चण्डीगढ़ में जेई आर सी की स्टैर्ण्ड आफ प्रोफोरमेंस 99.9 प्रतिषत लागू की जा रही है। बेहतर सेवा के लिए विभाग को पिछले पांच साल से लगातार अवार्ड मिल रहे है। चण्डीगढ़ में ष्षहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों तथा कालोनियों में 95 प्रतिषत से अधिक मीटरिंग सप्लाई दी जा रही है। विभाग में लाइन लोस 10 प्रतिषत से नीचे है। यहां पर  सिर्फ बिजली वितरण का ही काम है तथा विभाग सारी मुष्किलों के बावजूद जनता को सस्ती तथा र्निविघन बिजली देने में कामयाब रहा है तथा 100 करोड से अधिक मुनाफे में चल रहा है इसलिए इसका निजीकरण या निगमीकरण करने का प्रशासन का फैसला गैर जरूरी तथा कर्मचारियों तथा जनता के हितों के खिलाफ है उन्होंने  चण्डीगढ़ प्रशासन द्वारा बार बार कन्सलटैंट नियुक्ति करने की उच्च स्तरीय जांच की मांग की।

वक्ताओं ने आरोप लगाया कि इंजिनियरिंग विभाग के उच्च अधिकारी  विभाग में खाली पोस्टों को भरने, कर्मचारियों को डीसी रेट सुनिष्चित करने, आउटसोर्स कर्मचारियों को विभाग के अधीन कर उनकी सेवायें सुनिश्चित करने, विभाग में कर्मचारियों के लिए बनाये गये सेवा नियमों में संशोधन करने, मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी तथा अन्य लाभ देने व कर्मचारियों को 9/16/23 साल का समयबद्व प्रमोशन स्केल देने की बजाये पंजाब तथा  हरियाणा से कर्मचारियों तथा अधिकारियों के पैनल मांग कर आग में घी डालने का कााम कर रहे है। उन्होंने प्रषासन पर आरोप लगाया कि प्रषासन 15-20 साल से काम कर रहे अतिरिक्त सहायक अभियन्ताओं, कनिष्ठ अभियन्ताओं तथा 20-25 साल से काम कर रहे लाईनमैन तथा सब स्टेषन अटैंडेट आदि  कर्मचारियों को प्रमोट करने की बजाये एसडीओ, जेई तथा फोरमैन की पोस्टों के लिए हरियाणा तथा पंजाब से पैनल मगवा कर यूटी कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात कर रहा है जिसका  डटकर विरोध किया जाएगा। उन्होंने प्रशासन से एसडीओ तथा जेई के मगवाये गये पैनल रदद करने की मांग की

वक्ताओं ने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर बिजली विभाग का निजीकरण का प्रस्ताव रद्द नहीं किया तथा जेई व एसडीओ के बनाये गये पैनल रद्द नहीं किये तथा कर्मचारियों की अन्य मांगों का समाधान शीघ्र नहीं किया गया तो 17 अक्तूबर 2019 को सभी शिफ्टों में 2-2 घंटे की कलम छोड/औजार छोड़ हड़ताल की जाएगी फिर भी मांगों का समाधन नहीं किया गया तो 27 अक्तूबर (दीवाली वाले दिन) सार्वजनिक छुटृी की जाएगी तथा डयूटियों का बहिष्कार किया जाएगा जिस कारण आम जनता को होने वाली परेशानी के लिए इंजीनियरिंग विभाग के उच्च अधिकारियों का अडियल रवैया जिम्मेवार होगा। 

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