हाईकोर्ट में यूटी इंप्लाइज हाउसिंग स्कीम पर सुनवाई 30 Oct 2019 को 

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यूटी इंप्लाइज हाउसिंग वेलफेयर सोसायटी के महासचिव डा. धर्मेन्द्र
चंडीगढ़ 29 अक्टूबर 2019। यूटी इंप्लाइज हाउसिंग स्कीम-2008 के तहत मिलने वाले फ्लैटों की कीमतों के मसले पर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इस सुनवाई के दौरान यूटी इंप्लाइज हाउसिंग वेलफेयर सोसायटी के सभी पदाधिकारी कोर्ट में मौजूद रहेंगे। यह जानकारी देते हुए हाउसिंग वेलफेयर सोसायटी के महासचिव डा. धर्मेन्द्र ने बताया कि 11 साल से अधिक समय के बाद भी यूटी प्रशासन की ओर से कर्मचारियों को फ्लैटों के नाम पर सिर्फ धोखा ही धोखा मिला है। उन्होंने कहा कि यूटी इंप्लाइज हाउसिंग स्कीम के बाद सेक्टर-63 की जनरल हाउसिंग स्कीम निकाली गई थी। सेक्टर-63 की जनरल हाउसिंग स्कीम के तहत बने मकानों में लोगों ने कई साल पहले से रहना भी शुरू कर दिया। हैरानी की बात है कि इससे पहले निकली स्कीम को यूटी प्रशासन और राजनेताओं ने अब तक लटका कर छोड़ दिया है। हालत यह है कि सफल यूटी कर्मचारियों में कई लोग रिटायर्ड हो गए, जबकि दो दर्जन से अधिक कर्मचारी मकानों के इंतजार में दुनिया ही छोड़कर चले गए हैं। इसके बावजूद न तो राजनेता और न ही यूटी प्रशासन ने कुछ किया है।
डा. धर्मेन्द्र ने राजनेताओं और यूटी प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इन्होंने कर्मचारियों को ऐसे चक्रव्यूह में फंसाकर रखा न तो कर्मचारी ट्राई सिटी में मकान ले सकते हैं और न ही प्रशासन ने खुद मकान बनाकर दिया। ध्यान रहे कि यूटी प्रशासन ने स्कीम में यह शर्तें रखी थी कि जो भी मकान लेना चाहते हैं, उनका कोई मकान ट्राई सिटी में न हो और इसके पजेशन मिलने तक कोई मकान नहीं ले सकता है। इसी पशोपेश में हजारों कर्मचारी फंसे हुए हैं। इसमें 1800 से अधिक कर्मचारी हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुके है, जिनकी सुनवाई बुधवार 30 Oct 2019 को है। डा. धर्मेन्द्र ने प्रशासन को ललकारते हुए कहा कि हम इस स्कीम से किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटने वाले। हजारों कर्मचारी फ्लैटों को लेने की लड़ाई अंतिम सांस तक जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।

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