

(ब्यूरो चीफ)
चंडीगढ़ 16 नवंबर 2019। शहर के कलाग्राम में 15 नवंबर से शुरू हो चुका नेशनल क्राफ्ट मेला पिछले कुछ सालों से अपनी पहचान के लिए मोहताज हो गया है। यदि इस मेले की यही हालत रही तो मेले का अस्तित्व ही मिट जाएगा। एक समय था जब पहले दिन से नेशनल क्राफ्ट मेले को देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ती थी। आज हालत यह है कि उत्तर भारत के राज्यों का तो दूर ट्राईसिटी या शहर के लोगों को भी आकर्षित करने में यह मेला या यहां की व्यवस्था पूरी तरह से विफल हैं, जो लोग मेला देखने आ भी रहे हैं। यहां की अव्यवस्था देखकर उल्टे पांव वापिस चले जाते हैं। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि मेले में लगे सैकड़ों स्टॉलों में कई अब भी खाली पड़े हैं, जबकि खरीददारों के नाम पर दुकानदार भी सिर पीट रहे हैं। मेले के दूसरे दिन भी नेशनल क्राफ्ट मेले में भीड़ नहीं के बराबर थी।
एनजेडसीसी राजनीति का शिकार
सूत्रों की मानें तो नॉर्थ जोन कल्चरल सेंटर (एनजेडसीसी) पिछले कुछ समय राजनीति का शिकार हो गया है। इस राजनीति में 11वां चंडीगढ़ नेशनल क्राफ्ट मेला भीगवान भीरोसे चल रहा है। बताया जाता है कि पहले एनजेडसीसी के डायरेक्टर आईएएस अधिकारी हुआ करते थे, जिनका एक विजन होता था। उस विजन के हिसाब से नेशनल क्राफ्ट मेले का सफल आयोजन कराया जाता था। आज स्थिति यह है कि एनजेडसीसी से विजन नाम की चीज गायब हो चुकी है, जिसका सीधा असर 11वां चंडीगढ़ नेशनल क्राफ्ट मेले पर साफ देखा जा सकता है। मेले के दूसरे दिन वह भी शनिवार को सरकारी छुट्टी होने के बावजूद क्राफ्ट मेले में बिलकुल भी भीड़ नहीं थी। मेले में लगी लगभग सभी दुकानें खाली थी। वहीं टिकट काउंटर पर टिकट खरीदने वाले भी नहीं देखे गए, जबकि एक समय था जब पहले ही दिन से टिकट खरीदने वालों की भीड़ लगी रहती थी। मेले में लगाए गए झूले भी पूरी तरह से खाली देखे गए।

ऐसी तैयारी नहीं
सूत्रों का दावा है कि एनजेडसीसी की ओर से कोई ऐसी तैयारी नहीं की गई, जिससे अन्य राज्यों से नहीं तो कम से कम

ट्राई सिटी की भीड़ जुटती। हैरान करने वाली बात है कि नामी गिरामी लोक संगीतकारों के नाम से भी भीड़ नहीं जुट रही है। बताया तो यहां तक जाता है कि संगीतकार भीड़ जुटने के इंतजार में स्टेज तक देर से पहुंचते हैं। फिर भी मेले में भीड़ नहीं जुट रही है। दावा किया जा रहा है कि शनिवार को रूप कुमार और सोनाली राठौर का शाम छह बजे का कार्यक्रम था। भीड़ जुटने के इंतजार में दोनों ही कलाकार कार्यक्रम स्थल पर निश्चित समय से देरी पहुंचे। इस प्रकार से नेशनल क्राफ्ट मेला लगातार अपनी पहचान के लिए जूझ रहा है। यदि यही हाल रहा तो उक्त मेले का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा। बताया जता है कि इस मेले को सफल बनाने के लिए एनजेडसीसी की ओर से वो प्रयास नहीं किए गए, जिससे भीड़ आकर्षित होती।
थीम वेस्ट टू ईस्ट
बताना जरूरी है कि हर साल कलाग्राम में लगने वाला क्राफ्ट मेला 15 नवंबर से शुरू हो चुका है, जो 24 नवंबर तक चलेगा। इस बार मेले का थीम वेस्ट टू ईस्ट है। चंडीगढ़ सहित कई राज्यों के कारीगरों और शिल्पकारों के करीब 200 स्टॉल लगाए हैं। प्रतिदिन शाम को नामी कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। अभी तक मेले में जसबीर जस्सी,

रूप कुमार राठोड और सोनाली राठौर कला प्रस्तुत कर चुके हैं। हालांकि इस दौरान श्रोताओं की भारी कमी थी। अब गुरदास मान, दलेर मेहंदी, कैलाश खेर, मनमोहन वारिस, जस्सी गिल, बबल राय, महिला बैंड, कमल हीर और कंवर गरेवाल कलाकारों के आने की चर्चा है।
मेले में फड़ियों की झलक
शहर की विभिन्न मार्केटों में लगी फड़ियों की झलक इस मेले में देख सभी हैरान थे। मेले में आने वाले कुछ लोगों का कहना था कि शहर की तरह ही मेला भी फड़ियों से अछूता नहीं रहा।